Sunday, November 12, 2017

भारत में बढती बेरोजगारी





भारत में करीब 18 करोड़ लोग बेरोजगार हैं।

     भारत में खासकर युवा वर्ग में बढ़ती बेरोजगारी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि देश की आबादी के लगभग 11 फीसदी यानि 12 करोड़ लोगों को नौकरियों की तलाश है, वास्तविकता इन आंकड़ों से मीलों आगे है। (17-18 करोड़) और यह संख्या तेजी से बढती ही जा रही है सरकार का रवैया भी इस विषय पर गंभीर नहीं हैं। यह आँकडे मेरे निजी अध्यन के अनुसार हैं जबकि वास्तविकता इससे भी भयानक होगी।

     सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इनमें पढ़े-लिखे युवाओं की तादाद ही सबसे ज्यादा है।  बेरोजगारों में 30 फीसदी 21 से 25 आयुवर्ग के हैं, जबकि 26 से 29 वर्ष की उम्र वाले युवकों की तादाद करीब 24 फीसदी है। लगभग 18 करोड़ युवाओं को नौकरी की तलाश है और इस विषय पर सरकार के कार्य केवल राजनीतिक लाभ हेतु किए गए हैं ना कि वास्तविक, सरकार केवल आंकडे दिखा कर युवाओं को व देश को गुमराह करने में व्यस्त है अगर सरकार ही युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने लगे तो यह संपूर्ण देश पर दोहरी मार है जो कि समस्त देशवासियों को झेलनी पड़ेगी। (जिसमें जीता जागता उदाहरण पिछले साल हुई नोटबंदी है और दोहरी मार जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी की मार है)

      "विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बढ़ती बेरोजगारी का यह आंकड़ा युवावर्ग के लिए गहरी चिंता का विषय है।"
वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में भारत में रोजगार सृजन की गतिविधियों के गति पकड़ने की संभावना नहीं है। इस दौरान धीरे धीरे बेरोजगारी बढ़ी है जबसे नोटबंदी लागू हुई है तभी से रोजगार में कमी आती जा रही है और नोटबंदी कही युवावर्ग के लिए गले की फांस ना बन जाए।

    नोटबंदी व जीएसटी - देश में संपूर्ण व्यवसाय, रोजगार, व पहले से प्रगतिशील कार्यों में बाधा ही बनी है जिसके कारण लगभग सभी क्षेत्रों में प्रगति रूक सी गई है और प्रतिशत के संदर्भ में इसमें गतिहीनता दिखाई दे रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘आशंका है कि पिछले साल के बेरोजगारों की तुलना में 2017 में भारत में बेरोजगारों की संख्या में अधिक बृद्धी हुई है और अगले साल इसके आकडें चौका देने वाले हो सकते हैं। 

     "लगातार गिरती वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण उत्पन्न क्षति एवं सामाजिक संकट में सुधार लाने और हर साल श्रम बाजार में आने वाले लाखों नवआगंतुकों के लिए गुणवत्तापूर्ण नौकरियों के निर्माण करने में सरकार व युवावर्ग को दोहरी चुनौती का सामना करना पडेगा।

     सरकार से मेरा अनुरोध है कि इस विषय पर विशेष ध्यान दिया जाए।

                                                         ✍️
                                                     सोमवीर सिंह